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विपणन- पारिभाषिक शब्दावली | Marketing - Terminology

डेफिनिपीडिया के दिए गए पोस्ट में आपको विपणन  से सम्बंधित पारिभाषिक शब्दावली दिया गया है। इन पारिभाषिक शब्दावली में उनके साथ उसके अर्थ भी दिए गए है।

Vipnan Paribhashik Shabdavali


Vipnan Paribhashik Shabdavali

1.विपणन (Marketing)- प्रो. फिलिप कोटलर के अनुसार- विपणन मानवीय क्रियाओं का समूह है जो विनिमय प्रक्रियाओं के द्वारा आवश्कताओं एवं इच्छाओं की सन्तुष्टि के लिये की जाती है।

2.विपणन प्रबन्ध (Marketing management)- प्रो. फिलिप कोटलर के अनुसार- संगठनात्मक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए बनाये गये विपणन कार्यक्रमों का विश्लेषण, नियोजन,क्रियान्वयन एवं नियन्त्रण ही विपणन प्रबन्ध है।

3.विक्रयण (Selling)- विक्रयण का तात्पर्य वस्तुओं के विक्रय से है। जिसके अन्तर्गत माल का विक्रय, नमूना, बाँँटना तथा बिक्री बढ़ाने से सम्बन्धित समस्त कार्य आते है।

4.विपणन मिश्रण (Marketing Mix)- प्रो. फिलिप कोटलर के अनुसार- एक फर्म का लक्ष्य अपने विपणन चलों के लिये सर्वोतम व्यवस्था को ढूढ़ना है। यह व्यवस्था विपणन मिश्रण कहलाती है।

5.उत्पाद मिश्र (Product Mix)- लिपसन एवं डार्लिंग के अनुसार- एक व्यवसाय प्रणाली द्वारा विक्रय के लिये प्रस्तुत की गई समस्त वस्तुओं की पूर्ण सूची उत्पाद मिश्र कहलाती है।

6.ब्रांडिंग (Branding)- ब्राण्ड किसी वस्तु को पहचानने का विशिष्ट ढंग है। ब्राण्ड शब्द को पहचान चिन्ह या छाप भी कहा जाता है।

7.लेबिल या पर्ची (Labeling)- स्टेंन्सन के अनुसार- लेबिल उत्पाद का वह भाग होता है जिस पर उत्पाद या उसके निर्माता विक्रेता के बारे में मौखिक सूचना दी जाती है। यह पैकेज का वह भाग भी हों सकता है या इसे एक उय्पद के साथ प्रत्यक्ष रूप से चिट के रूप में संलग्न किया जाता है।

8.संवेष्ठन (Packaging)- आर.एस.डावर के अनुसार- पैकेंजिग वह कला है जो एक वस्तु की किसी आधानपात्र (कन्टेनर)में बन्द करने या आधानपात्रको वस्तु के संवेष्ठन के उपयुक्त बनाये हेतु सामाग्रियों, ढंगों और साज -सज्जा के विकास एवं प्रयोग से सम्बधित है जिससे वस्तु विवरण की विभिन्न अवस्थाओं के गुजरते समय पूर्ण रूप से सुरक्षित रहे।

9.कीमत निर्धारण (Pricing)- हेमिल्टन के अनुसार- कीमत उन सभी दशाओं का मौद्रिक सार है जो एक उत्पादक की मूल्य प्रदान करती है।

10.वितरण वाहिकाएँँ या माध्यम (Distribution Channels)- मेकार्थी के अनुसार- उत्पादक से उपभोक्ता तक संस्थओं का कोई भी ऐसा क्रम जिसमें या तो एक मध्यस्थ है या उनकी कोई संस्था हों सकती है वितरण माध्यम कहलाता है।

11.भौतिक वितरण(Physical Distribution)- मेकार्थी के अनुसार- वैयक्तिक फर्मो के भीतर एवं वितरण प्रणालियों के साथ- साथ माल का वास्तविक हस्थन तथा संचलन भौतिक वितरण कहलाता है।

12.विक्रय संवर्द्धन (Sales Promotion)- जे.आर.डाबमेन के अनुसार- विक्रय संवर्द्धन से आशय फुटकर व्यापारियों के कार्य की अधिक सरल बनाना है, ग्राहकों के मस्तिष्क में इच्छा उत्पन्न करना है एवं व्यापारियों को अधिक श्रेष्ठ व्यापारी बनाना है।

13.व्यापार संवर्द्धन विधियाँँ (Trade Promotion Methods)- कोलिन्स के अनुसार- विक्रय का एक बहुत बड़ा भाग मध्यस्थों द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।

14.विज्ञापन (Advertisement)- डॉ. जॉन्स के अनुसार- विज्ञापन उत्पादन को बहुत बड़ी मात्रा में विक्रय करने की एक मशीन है जो विक्रेता की वाणी और व्यक्तित्व को सहायता पहुँँचाती है।

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15.वैयक्तिक विक्रय (Personal Selling)- विलियम जे.स्टेन्टन के अनुसार- वैयक्तिक विक्रय वह विक्रय है जिसमें एकमात्र ऐसा व्यक्तिगत विक्रय संन्देश सम्मिलित होता है जो की विज्ञापन, विक्रय संवर्द्धन एम् अन्य विक्रय संवर्धनात्मक उपकरणों का विपरीत होता है।

16.प्रत्यक्ष विक्रय (Direct Sales)- प्रत्यक्ष विक्रय वह विक्रय है जिसमें विक्रेता स्वयं प्रत्यक्ष रूप से वस्तु का विक्रय करता है स्वयं सामग्री को लेकर क्रेता से मूल्य प्राप्तकर वस्तु को सुपुर्दगी देती है।

17.ब्राण्ड लेबिल (Brand Label)- इस प्रकार के लेबिल पर केवल ब्राण्ड का नाम दिया रहता है ब्राण्ड के रूप में निर्माता का नाम या कोई चिन्ह या कोई डिजाइन हों सकता है।

18.विवरणात्मक लेबिल (Descriptive label)- इस प्रकार के लेबिलों में उत्पाद में सम्बन्ध मर पूर्ण जानकारी दी जाती है। इसे सूचनात्मक लेबिल भी कहा जाता है।