मानव जनन - पारिभाषिक शब्दावली - Definipedia

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मानव जनन - जीवविज्ञान पारिभाषिक शब्दावली । Human Reproduction - Biology Terminology

डेफिनिपीडिया के दिए गए पोस्ट में आपको मानव जनन से सम्बंधित पारिभाषिक शब्दावली दिया गया है। इन पारिभाषिक शब्दावली में उनके साथ उसके अर्थ भी दिए गए है।

Manav-Janan-Paribhashik-Shabdavali

Manav Janan Paribhashik Shabdavali

1. जर्म लेयर (Germ layer)- भ्रूण के प्राथमिक जनन स्तर जैसे एक्टोडर्म मीजोडर्म व एण्डोडर्म।

2. जनद (Gonad)– प्राथमिक जनन अंग जिसमें युग्मकों का निर्माण होता है।

3. गोनेड्रोट्रापिन हॉर्मोन (Gonadotropin hormone)- अग्र पिट्यूटरी द्वारा स्रावित हॉर्मोन्स जैसे FSH व LH जो अण्डाशय व वृषण की क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं।

4. शिश्न मुंड (Glans) - शिश्न का संवेदी शिर्ष।

5.ह्यूमन कोरियोगिक गोनेड्रोट्रॉपिन (Human Choclonic Gonadotropin)- मनुष्य में कोरिऑन द्वारा निर्मित गोनेडोट्रापिन हॉर्मोन जो गर्भाशयी भित्ति (फलस्वरूप सगर्भता) बनाये रखने में मदद करता है।

6. पूर्ण विदलन (Holoblastic Cleavage )- युग्मनज का एक ऐसा विदलन जो उसे दो कोरकखण्डों (ब्लास्टोमियर्स) में बाँट दें।

7. योनिच्छद (Hymen) - स्त्री के योनिकाछिद्र को ढकने वाली एक झिल्ली।

8. अन्तः रॉपण (Implantation) - जरायुजी स्तनधारियों में भ्रूण का ब्लास्टोसिस्ट अवस्था में गर्भाशयी एंट्रोमेट्रियम में संलग्न होना (धंसना)।

9. वीर्य सेचन ( Insemination ) - स्त्री के योनि में वीर्य का छोड़ा जाना।

10. दुग्ध स्रावण (Lactation) - शिशु के पोषण हेतु जन्म के बाद माँ की स्तन ग्रन्थियों से दुग्ध का स्रावण।

11. पीतकी अवस्था (Luteal Phase) - आर्तव चक्र में अण्डोत्सर्ग के बाद की अवस्था जिसके कार्पस ल्यूटियम विकसित होने के कारण प्रोजेस्टीरॉन का स्तर बढ़ जाता है।

12. रजोदर्शन (Menarche) - किशोरावस्था में ऋतुस्राव का प्रारम्भ।

13. मैनोपॉज या रजोनिवृत्ति ( Menopause) - प्रौढ़ स्त्री में आर्तव चक्र का स्थायी रूप से समाप्त हो जाना।

14. ऋतुस्राव (Menstruation) - प्रत्येक आर्वत चक्र की पहली अवस्था जिसमें गर्भाशय के आन्तरित स्तर के कुछ ऊतक व रक्त योनिमार्ग से बाहर निकलते हैं।

15. मीसोडर्म (Mesoderm) - भ्रूण का बीज वाला प्राथमिक जनन स्तर जो पेशिय स्तर हृदय आदि बनाता है।

16. मीसोवेरियम (Mesovarium)- अण्डाशय को उदरगुहा में निलम्बित रखने वाली मेसेन्टरी (संयोगी ऊतक)।

17. तूतक (Morula) – भ्रूणीय विकास में युग्मजन में हुए विदलनों से बनने वाले ठोस गेंद जैसी 8-16 कोशिकीय संरचना।

18. अंग निर्माण (Morphogenesic) - भ्रूणीय विकास के दौरान ऊतकों, अंगों व पूरे भ्रूण का आकार लेना।

19. न्यूरूला (Neurula) – प्रारंभिक भ्रूणीय विकास में गैस्टुला के बाद की अवस्था जिसमें न्युरल प्लेट से न्यूरल ट्युब का निर्माण होता है व भावी तंत्रिका तंत्र की नींव रखी जाती है।

20. अण्डक (Oocyte) - अण्डजनन में वह कोशिका जिसमें अर्द्धसूत्री विभाजन होता है।

21. अण्डजनन (Oogenesis) - अण्डाशय से अर्धसूत्री विभाजन द्वारा अण्डाणुओं के निर्माण की प्रक्रिया ।

22. अण्डाशयी चक्र (Ovarian Cycle) - अण्डाशय में होने वाले मासिक परिवर्तन जो रक्त में लिंग हॉर्मोन का स्तर निर्धारित करते हैं।

23. अण्डाशय (Ovary) - मादा जनन जो अण्डाणु व मादा लिंग हॉर्मोन्स का उत्पादन करते हैं।

24. अण्डोत्सर्ग (Ovulation) - अण्डाशय में पुटक के फटने से द्वितीयक अण्डक का मुक्त होना।

25. अण्डाणु (Ovum) - अगुणित मादा युग्मक।

26. ऑक्सीटोसिन (Oxytocin) - पश्च पिट्युटरी द्वारा मुक्त हॉर्मोन्स जो गर्भाशय में संकुचन प्रेरित करता है व दुग्ध उत्क्षेपन (Milk ejection) करता है।

27. शिश्न (Penis) – नर बाह्य जननेन्द्रिय जो शुक्राणुओं के स्त्री की योनि में स्थानांतरण में मदद करती हैं।

28. अपरा (Placenta) - जरायुजी स्तनधारियों में प्रयोग कोरियॉन व गर्भाशयी भित्ति के बीच बनने वाली अस्थायी, अंतरंग संरचनात्मक कार्तिकय संरचना जो भ्रूण की पोषण श्वसन व उत्सर्जन आवश्यकताओं की पूर्ति व कुछ हॉर्मोन का उत्पादन करता है।

29. ध्रुविय काय (Polar Body) - अण्डजनन का एक चक्रिय उत्पाद जिसका बनना अण्ड कोशिका में अधिक कोशिका द्रव्य की उपस्थिति सुनिश्चित करता है।

30. प्राइमेट (Primate) - स्तनधारियों के गण प्राइमेरा से सदस्य जैसे प्रोसेमियनबन्दर, कपि व मनुष्य।

31. प्रोजेस्टरॉन (Progesterone) - मादा लिंग हॉर्मोन जो प्रमुखत : गर्भाशयी भित्ति तथा संगर्भता बनाये रखने में मदद करता है।

32. प्रौलैक्टिन (Prolactin) - अप पिट्यूटरी द्वारा स्रावित हॉर्मोन जो स्तनों में दुग्ध का निर्माण प्रेरित करता है।

33. अग्रपिण्डक (Acrosome) - शुक्राणु के शीर्ष पर स्थित एक नुकीली संरचना जो शुक्राणु के अण्ड में प्रवेश में मदद करती है।

34. उभय मिश्रण (Amphimixis) – नर एवं मादा युग्मकों के संलयन में इनके गुणसूत्रों के आपस में मिलने की लैंगिक प्रजनन की एक क्रिया ।

35. एन्ड्रोजन्स (Androgens) - नर लिंग हॉर्मोन, वृषणीय हॉर्मोन जैसे टेस्टोस्टेरॉन।

36. गहूवर (Antrum) - तृतीयक पुटक व ग्राफी पुटक की तरल से भरी गुहा।

37. एट्रेसिया (Atresia) - अण्डाशयी पुटकों का अपह्मसन।

38. कोरकपूटी गुहा (Blastocyst) - कोरकपूटी की गुहा जो तरल से भरी रहती है।

39. कोरकपूटी (Blastocyst) - एकस्तरीय कोशिकाओं से बना गेंद जैसा खोखला भ्रूण जिसके बीच में ब्लास्टोसील गुहा होती है, स्त्री के गर्भाशय में अन्त : रोपित होने वाला भ्रूणीय रचना।

40. बार काय (Bar Body) - मादा स्तनधारियों के केन्द्रक में उपस्थित एक गहरा रंग लेने वाली संरचना जिसमें एक संगठित X गुणसूत्र उपस्थित होता है।

41. ब्लास्टोपोर (Blastopore) - गैस्टुला अवस्था में खाद्य आहार नाल का छिद्र।

42. केपेसिएशन (Capaciation) - शुक्राणु में निषेचन पूर्व होने वाले परिवर्तन जो उसे अण्डे के निषेचन योग्य बनाते हैं।

43. गर्भाशयी ग्रीवा (Cervex) - गर्भाशय का निचला संकरा भाग।.

44. विदलन (Cleavage) - युग्मनज में होने वाले समसूत्री विभाजन जो संसति कोशिकाओं (ब्लास्टोमियर्स) की संख्या तो बढ़ाते हैं मगर आकार नहीं ब्लास्टुला अवस्था युग्मनज के विदलन से ही बनती है।

45. कोरिआन (Chorion) - बाह्य भ्रूणीय कला जो सरीसृप व पक्षियों में श्वसनीय गैस विनिमय का कार्य करती है तथा मनुष्य सहित सभी स्तनधारियों में अपरा निर्माण में भाग लेती है।

46. कोरिआनिक बिलाई (Chorionic) - भ्रूण की कोरियन के अंगुली जैसे या वृक्ष जैसे प्रवर्ध जो अपरा पर मातृ ऊतकों में धसे रहते हैं।

47. प्रथम स्तन्य / खींस (Colostrum) - शिशु जन्म के बाद माँ के स्तनों से प्रारम्भिक कुछ दिनों तक निकलने वाला गाढ़ा हल्का पीला अत्यधिक पोषक द्रव्य ।

48. पीत पिण्ड (Corpus Luteum) - अण्डात्सर्ग के बाद शेष बची अण्डाशयी ग्राफी पुटक जो प्रोजेस्टेरॉन का स्राव करती है।

49. एक्टोडर्म या बाह्य त्वचा (Ectoderm) - किसी भ्रूण या प्राथमिक बाह्य जनन स्तर जो तंत्रिका तंत्र, त्वचीय तंत्र आदि बनाता है।

50. एन्डोडर्म अंतः त्वचा (Endoderm) - किसी भ्रूण को प्राथमिक आन्तरिक जनन स्तर जो आहार नाल, श्वसन तंत्र आदि बनाता है।

51. भ्रूण (Embryo) - युग्मनज से विकसित होने वाली जन्म से पहले की बहुकोशिकीय अवस्था, मनुष्य में स-गर्भता अवधि में 2 माह तक का गर्भ में पल रहा शिशु भ्रूण कहलाता है।

52. भ्रूणीय अवधि (Embryonic Period) - मनुष्य में लगभग एक सप्ताह बाद से लेकर 8 सप्ताह तक की भ्रूणीय विकास की अवधि।

53. गर्भाशय अंतःस्तर (Endometrium) - गर्भाशय भिति का आन्तिरक श्लेष्मिक स्तर ।

54. भ्रूणीय उभार (Embryonal knob) - अन्त कोशिका समूह या इन्टरसेल मास जो ट्रोफोब्लास्ट में अन्दर की ओर जुड़ा होता है।

55. अधिवृषण (Epididymis) – वृषण से जुड़ा द्वितीयक लैंगिक अंग जिसमें वासा इन्फेरेशिया खुलती है, शुक्राणु का परिपक्वन स्तर।

56. एस्ट्रोजन (Extrogen) - अण्डाशयी पुटकों द्वारा स्रावित मादा लिंग हॉर्मोन जो स्त्री के द्वितीयक लैंगिक लक्षणों आदि हेतु उत्तरदायी होता है।

57. निषेचन (Fertilization) - शुक्राणु के अण्ड कोशिका के संलयन में द्विगुणित युग्मनज का बनना।

58. पुटक ( Follicle) - स्त्री के अण्डाशय में स्थित संरचना जिसमें अंडक (Oocyte) उपस्थित होता है तथा जो एस्ट्रोजन उत्पादित करता है।

59. पुटकीय अवस्था (Follicular Phase) - आर्वत चक्र की ऋतुस्राव या मेंसट्टुऐशन के बाद की अवस्था जिसमें अण्डाशय में अण्डाशयी पुटक विकसित होता है, गर्भाशय की ऐन्ड्रोमेट्रियम मोटी हो जाती है तथा एस्ट्रोजन का स्तर उच्च हो जाता है।

60. युग्मक जनन (Gametogenesis ) - जनदों (वृषण व अण्डाशय) में हुए अर्धसूत्री विभाजनों से परिपक्व नर व मादा युग्मकों का निर्माण।

61. गर्भधारण काल (Gestation Period) - निषेचन व उसके पश्चात् होने वाले अन्त : रोपण से लेकर प्रसव तक की समयावधि।

62. युग्मक (Gamete) - अगुणित लैंगिक कोशिका जैसे शुक्राणु व अण्ड।

63. गैस्टुला (Gastrula) - भ्रूणीय विकास की वह अवस्था जिसमें अर्न्तवलन की क्रिया से प्राथमिक भ्रूणीय जनन स्तरों का विकास होना।

64. गैस्ट्रुलवन (Gastrulation) - ब्लास्टुला से गैस्टुला का निर्माण।