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पाठ्यक्रम - पारिभाषिक शब्दावली | Curriculum - Terminology

डेफिनिपीडिया के दिए गए पोस्ट में आपको पाठ्यक्रम से सम्बंधित पारिभाषिक शब्दावली दिया गया है। इन पारिभाषिक शब्दावली में उनके साथ उसके अर्थ भी दिए गए है।

Pathyakram Paribhashik Shabdavali

pathyakram paribhashik shabdavali

1.पाठ्यक्रम (Curriculum)- "पाठ्यक्रम पाठ्यवस्तु का ही सुव्यवस्थित रूप है, जिसका निर्माण बालकों की आवश्यकता की पूर्ति के लिये होता है।"

2.पाठ्यचर्या (Syllabus)- प्रो. एस. के. दुबे के अनुसार- पाठ्यचर्या का आशय विषयों की उस व्यवस्थित रूपरेखा या क्रम से है, जो कि उस विषय की उपयोगिता, आवश्यकता एवं महत्व से संबंधित होता है, तथा इसमें विद्यालय, शिक्षक एवं समुदाय के उत्तरदायित्व का समावेश भी होता है।

3.ज्ञान (Knowledge)- ज्ञान किसी वस्तु या विषय के संबंध में यथार्थ जानकारी है।

4.मूल्य (Value)- मूल्य वे आदर्श, विश्वास या मानक है, जिन्हें समाज या समाज के अधिकांश सदस्य ग्रहण किये हुए होते है।

5.मानवीय मूल्य (Human Values)- प्रो. एस. के. दुबे के अनुसार- "मानवीय मूल्यों के अंतर्गत मानव उत्थान, विश्व बन्धुत्व एवं अंतर्राष्ट्रीय सद्भावना से संपन्न वे सभी क्रियाकलाप आते हैं जो की, विश्व शांति एवं विश्व कल्याण के लिये सम्पूर्ण मानव जाति को प्रेरित करतें हैं तथा व्यक्तिगत स्वार्थ के स्थान पर सार्वजनिक हित की भावना का विकास करतें हैं।"

6.लोकतंत्र (Democracy)- अब्राहम लिंकन के अनुसार- "लोकतंत्र शासन का वह रूप है जिसमें जनता का, जनता के द्वारा और जनता के लिये शासन होता हो।"

7.शिक्षण (Teaching)- बी.ओ.स्मिथ के अनुसार- "शिक्षण, अधिगम को उत्प्रेरित करने वाली एक पद्धति है।"

इसे पढ़े अधिगम - पारिभाषिक शब्दावली

8.नैतिकता (Morality)- पं. मदनमोहन मालवीय के अनुसार- "नैतिकता मनुष्य की उन्नति का मूल आधार है। नैतिकता से रहित व्यक्ति पशुओं से भी निकृष्ट है। नैतिकता के अभाव में मनुष्य अथवा देश का पतन अवश्यम्भावी है। अतः नैतिकता हमारा व्यापक गुण है और किसी भी कीमत पर हमें नहीं छोड़ना चाहिये।"

9.दर्शन (Philosophy)- ब्राइटमेन के अनुसार- "दर्शनशास्त्र की परिभाषा एक ऐसे प्रयास के रूप में दी जा सकती है, जिसके द्वारा सम्पूर्ण मानव अनुभूतियों के संबंध में सत्यता से विचार किया जाता हो अथवा जो हमारी सम्पूर्ण अनुभूतियों को बोधगम्य बनता हो।"

10.आकलन (Assessment)- एस. के. दुबे के अनुसार- "निर्धारण या आकलन का आशय उन सभी नीतियों, सिद्धान्तों एवं विधियों की समीक्षा से है जो की छात्रों की शैक्षिक एवं सामाजिक आवश्यकताओं के ज्ञान एवं उनकी पूर्ति के लिये प्रयुक्त होती हैं।"

11.मूल्यांकन (Evaluation)- टारगर्सन तथा एडम्स के अनुसार- "मूल्यांकन का अर्थ है किसी वस्तु या प्रक्रिया का मूल्य निश्चित करना। इस प्रकार शैक्षणिक मूल्यांकन से तात्पर्य है- शिक्षण प्रक्रिया तथा सिखने की प्रक्रियाओं से उत्पन्न अनुभवों की उपयोगिता के विषय में निर्णय देना।"

12.गाँधीजी का दर्शन (Educational of Gandhiji)- डा. एम. एस. पटेल के अनुसार- "गाँधीजी ने उन महान शिक्षकों एवं उपदेशकों की गौरवपूर्ण मंडली में अनोखा स्थान प्राप्त किया, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में नव- ज्योति दी है। गाँधीजी के शिक्षा सम्बन्धी विचारों का निष्पक्ष अध्ययन सिद्ध करता है की ये विचार शिक्षा सिद्धान्त और व्यवहार के प्रारम्भिक बिन्दु हैं।"

13.अनुशासनिक ज्ञान (Disciplinary Knowledge)- एस. के. दुबे के अनुसार- "शैक्षणिक अनुशासनिक ज्ञान का आशय उन नियमों, सिद्धान्तों एवं परम्पराओं से है जो कि शिक्षा के माध्यमों से सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक व्यवस्थाओं में सहसंबंध एवं अंत: अनुशासन स्थापित करने में सहायता करते है, जिससे एक ओर शिक्षक का कार्य एवं व्यवहार सर्वोत्तम बनता है तो दूसरी ओर छात्रों का सर्वांगीण विकास संभव होता है जिससे एक विकसित एवं समृद्धशाली राष्ट्र का निर्माण संभव होता है।"

14.शिक्षा (Education)- शिक्षा द्वारा उपयुक्त आदतों का निर्माण होना चाहिये और संसार के प्रति उपयुक्त दृष्टिकोण का विकास करने में शिक्षा बालक की सहायता करती है। यह कार्य अनुदेशन द्वारा संभव है।