जैव समष्टि - पारिभाषिक शब्दावली - Definipedia

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जैव समष्टि- जीवविज्ञान पारिभाषिक शब्दावली |Biocomposites- Biology Terminology

डेफिनिपीडिया के दिए गए पोस्ट में आपको जैव समष्टि से सम्बंधित पारिभाषिक शब्दावली दिया गया है। इन पारिभाषिक शब्दावली में उनके साथ उसके अर्थ भी दिए गए है।

jaiv smshti paribhashik shabdavli

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1.पर्यावरण (Environment)- परिवेश, जीव के चारों ओर के सभी जैव व अजैव कारकों का समुच्चय।

2.यूरीहैलाइन (Euryhaline)- जन्तु जो लवणीय जल के एक बड़ी परास (Wide range of salt water) को सहन करने में सक्षम हो।

3.यूरीथर्मल (Eurythermal)- ऐसे जीव जो ताप में उतार चढ़ाव के एक बड़े बदलाव को सहन करने में सक्षम हो।

4.हैलोफाइड (Halophyte)- अत्यधिक लवणीय मृदा या जल में उगने वाले पौधे।

5. हीलियोफाइड (Heliophyte)- सूर्य का प्रकाश पसन्द करने वाले पौधे जो प्रकाश की उच्च तीव्रता में उगते हैं।

6.शीत निष्कृियता (Hibernation)- कुछ जीवों की कम ताप से बचने हेतु सर्दी में लम्बी नींद (Winter sleep) जिसमें उपापचयी क्रियाएँ मंद रहती हैं।

7.होमियोथर्मिक (Homeothermic)- एंडोथर्मिक या गर्म खून वाले जीव जिनके शरीर का तापमान स्थिर रहता है जैसे स्तनधारी।

8.साम्यावस्था (Homeostasis)- स्थिर आन्तरिक पर्यावरण बनाये रखने की प्रक्रिया जैसे ताप नियमन।  

9.ह्यूमस (Humus)- आंशिक रूप से अपघटित काला एमार्फस जैविक पदार्थ जो मृदा की उपजाऊ शक्ति बढ़ाता है।

10.काष्ठलता (Liana)- उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वनों की काष्ठ लताएँ (Woody chimber) जो वृक्षों से लिपटकर कैनोपी तक पहुँच जाती है।

11.प्रवास (Migration)- जीवों का प्रतिकूल परिस्थितियों से बचने के लिए अनुकूल पर्यावरण वाले स्थानों पर अस्थाई रूप से जाना।

12.सहोपकारिता (Mutualism)- दो जीवों के बीच की पारस्परिक क्रिया जिसमें दोनों ही साझेदारों को लाभ होता है।

13.रात्रिचर(Nocturnal)- जीव जो रात्रि में सक्रिय रहते हैं। जैसे- कॉकरोच, उल्लू। 

14.परासरण नियमन (Osmoregulation)- वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा जीव के शरीर में जल व आयनों के सान्द्रण का नियमन होता है। अर्थात् जीव के शरीर द्रवों की परासरणी सान्द्रता का नियमन। 

15.परजीविता (Parasitism)- जीवों के बीच की वह पारस्परिक क्रिया जिसमें एक जीव (परजीवी) को लाभ तथा दूसरे (पोषक) को हानि होती है। परजीवी पोषक से पोषण प्राप्त करता है। 

16.पादपभक्षी (Phytophagous)– किसी भी प्रकार के शाकाहारी जन्तु जो पौधों से आहार प्राप्त करते हैं।

17.ठण्डे रक्त वाले (Poikilothermic)-ऐसे जन्तु जो अपने शरीर का ताप स्थिर नहीं रख पाते, शरीर का ताप पर्यावरण के ताप के साथ बदलता है, जैसे मछली, एम्फीबियन, सरीसृप। 

18.परभक्षण (Predation)- वह पारस्परिक क्रिया जिसमें एक (परभक्षी) जीव दूसरे (शिकार) जीव को मार कर खा जाता है।

19.दीप्तिकालता (Photoperiodism)- जीव की प्रकाश की अवधि के प्रति अनुक्रियाएँ जैसे पौधों में पुष्पन। 

20.समष्टि (Population)- किसी दिए भौगोलिक क्षेत्र में नियत समय पर उपस्थित एक ही प्रजाति के जीवों की संख्या। 

21.छाया प्रिय पौधे (Sciophyte)- ऐसे पौधे जो बहुत कम प्रकाश में तीव्रता में उगते हैं।

22.शुष्कोद्भिद पौधे (Xerophytes)- शुष्क आवासों में पाये जाने वाला पेड़-पौधे।

23.स्टेनोथर्मल (Stenothermal)- ऐसे जीव जो तापमान के एक सीमित परास को सहन करने की क्षमता रखते हैं।

24.गत पर्णरन्ध्र (Sunken Stomata)- वाष्पोत्सर्जन द्वारा जल हानि कम करने के लिए मरुस्थलीय पौधों की पत्तियों में गड्ढों में उपस्थित पर्णरन्ध्र। 

25.स्तरीकरण (Stratification)- वर्षा वनों में वनस्पति का अनेक स्तरों के रूप में पाया जाना।

26.आयु वितरण(Age distribution )– किसी समष्टि में विभिन्न आयु वर्ग के जीवों की आपेक्षित बहुलता।

27.स्वपारिस्थितिकी (Autoecology )- किसी एक जीव या एक जीव प्रजाति की उसके पर्यावरण से पारस्परिक क्रियाओं का अध्ययन। 

28.जैव मण्डल (Biosphere)- पृथ्वी पर वायुमण्डल,जलमण्डल व स्थलमण्डल का जीवन योग्य भाग/पृथ्वी के सभी जीवोमों का योग।

29.जैविक कारक (Biotic Factor)- पर्यावरण के ऐसे कारक जो जीवधारियों से सम्बंधित है जैसे प्रतिस्पर्धा, चारण (Grazing)।

30.सर्काडियन रिद्म ( Circadian rhythms )– जीवों की दिन के प्रकाश के प्रति दैनिक अनुक्रियाएँ ।

31.सहजीविता (Commensalism)- जीवों के बीच की ऐसी पारस्परिक क्रिया जिसमें एक जीव लाभान्वित होता है जबकि दूसरे को इस क्रिया से न कोई हानि होती है न लाभ।

32.डेमोग्राफी (Demography)- मनुष्य की जनसंख्या का वैज्ञानिक अध्ययन। 

33.उपरति / डाएपॉज (Diapause)– कुछ जन्तुप्लवकों (कीटों) द्वारा उपापचय के निलम्बन (Suspension) की अवस्था तार्किक प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना किया जा सके।

34.प्रसुप्ति (Dormancy)- बीजों की ऐसी अवस्था जिसमें अनुकूल परिस्थितियों में भी अंकुरण नहीं होता।जीवों की प्रतिकूल परिस्थितियों से बचने हेतु निष्क्रय अवस्था। 

35.पारिस्थितिकी (Ecology)- जीवों की आपस की तथा पर्यावरण के साथ की पारस्परिक क्रिया का अध्ययन।

36.उत्प्रवासन (Emigration)- किसी आवास में रह रही समष्टि में बाहर के उसी प्रकार के जीवों का जुड़ जाना।